हिसार 20 फरवरी : सैनी समाज की लोगों की एक आवश्यक बैठक बुधवार को आयोजित की गई जिसमें सैनी सभा ट्रस्ट के कुछ ट्रस्टियों के एकाधिकार को समाप्त करने व सैनी सभा के गठन बारे निर्णय हुआ है। सभा में समाज के लोगों ने विचार रखे कि हिसार जिले में सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिसमें हिसार, हांसी, आदमपुर, नारनौंद, बरवला, उकलाना, बवानी खेड़ा और इसमें लगभग 3,20,000 सैनी निवास करते हैं। हिसार इन सबका प्रतिनिधित्व करता है अर्थात हिसार की सैनी सभा ट्रस्ट सैनी सी.सै. स्कूल इसका मुख्य रूप से प्रतिनिधित्व करती है। ऐसे में ट्रस्ट में मूल संविधान अनुसार कुल 21 ट्रस्टी नाकाफी व समय अनुसार कम है। समाज ने सर्व सम्मति से इसके विस्तार का अधिकार पवन दिव्यानंद भिक्षु को दिया। पवन दिव्यानंद भिक्षु ने समाज की सर्व सम्मति से समाज में बिना किसी भेदवभाव के दुर्भावना के सैनी समाज की सैनी सभा का गठन 19 फरवरी बुधवार को किया। अब जिला हिसार लोकसभा क्षेत्र में जन्मे सैनी समाज के 18 वर्ष या इसके ऊपर के हर युवक-युवति (महिला पुरुष) सैनी सभा के सदस्य होंगे व जिसका हिसार लोकसभा क्षेत्र में वोट है वे स्वभावत: ही सैनी सभा के सदस्य होंगे।
पवन दिव्यानंद भिक्षु ने बताया कि इन सदस्यों को सैनी सभा की कार्यकारिणी प्रधान, महासचिव व कोषाध्यक्ष चुनने का अधिकार होगा व बाकी पदों पर प्रधान की मर्जी से सामाजिक, ईमानदार लोगों का मनोनयन कर सकते हैं। सैनी सभा मुख्य कार्यकारी बॉडी होगी और संपत्ति की देखरेख सैनी सभा ट्रस्ट करेगी। सैनी सभा ट्रस्ट का विस्तार भी कर दिया गया है। समय की मांग अनुसार लोकसभा क्षेत्र हिसार के 3,20,000 सैनी समाज के लोगों में लोकतांत्रिक प्रणाली से चुने गए मूल 21 ट्रस्टियों सहित अन्य को सैनी सभा ट्रस्ट में सर्व सम्मति से मनोनीत कर दिया गया है।
पवन दिव्यानंद भिक्षु ने कहा कि वे एक एडवोकेट होने के नाते माननीय न्यायाल के निर्णय का सम्मान करते हैं परंतु सैनी सभा ट्रस्ट के साधारण एजेंडे पर 20 ट्रस्टियों में से 17 ट्रस्टियां के हस्ताक्षर थे परंतु इस वक्त के ट्रस्ट के संरक्षक औमप्रकाश राड़ा के संरक्षण में क्लर्क चेतराम बहल वाले द्वारा दुर्भावना से कुछ लाइनें खाली छुड़वाकर हस्ताक्षर होने के बाद उन खाली लाइनों में 13 आजीवन ट्रस्टी केवल नाम भरकर, सामाजिक दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर, समाज को धोखा देकर भर दिए गए जिसमें ज्यादातर औमप्रकाश राड़ा परिवार के सदस्य, रिश्तेदार व उनके ही कर्मचारी थे और सैनी सभा ट्रस्ट के संरक्षक औमप्रकाश राड़ा के संरक्षण में सैनी सभा ट्रस्ट के कुछ ट्रस्टियों ने झूठे तथ्य जुटाकर माननीय न्यायालय को भी गुमराह कर दिया।
पवन दिव्यानंद भिक्षु ने कहा कि जब उस समय हम 17 ट्रस्टियों के साइन हुए थे कुछ सामाजिक मसलों पर साइन हुए थे। उसमें ट्रस्टी चुने जाने का कोई जिक्र नहीं था। न्यायालय में झूठे तथ्य पेश कर न केवल माननीय न्यायालय को गुमराह किया गया बल्कि समाज के साथ धोखा कर 13 ट्रस्टी धोखेबाजी से भरे हैं। सैनी समाज इन 13 ट्रस्टियों की बर्खास्तगी (रद्द) करवाने के लिए माननीय न्यायालय में पुनर्विचार याचिका डालेंगे और न्यायालय से न्याय की गुहार लगाएगा जबकि इससे पूर्व 21 ट्रस्टियों में से एक के स्वर्गवास होने पर विधिवत लोकतांत्रिक प्रणाली से भारतीय संविधान अनुसार 20-25 दिन का समय अनुसार चुनाव करवाकर एक रिक्त ट्रस्ट का चुनाव ट्रस्ट करवाती थी। पवन दिव्यानंद भिक्षु भी इन्हीं 21 ट्रस्टियों में से चुने हुए सैनी सभा के ट्रस्टी हैं।
उन्होंने बताया कि समय की मांग अनुसार समाज की सहमति से 21+13 ट्रस्टियों जिनमें पांच स्वर्गवासी हैं का विस्तार किया जाता है। सैनी समाज के ईमानदार, सामाजिक व समाज के लगभग हर क्षेत्र में प्रतिनिधियों का समन्वय बिठाते हुए बिना किसी दुर्भावना के ट्रस्ट का विस्तार किया जाता है। निम्न ट्रस्टियों में से किसी का स्वर्गवास होने पर सैनी सभा के सदस्य लोकतांत्रिक प्रणाली से ट्रस्टी चुनाव कर ट्रस्टी चुनकर रिक्त ट्रस्टी को चुनेंगे व रिक्त स्थान भरेंगे।
सैनी सभा ट्रस्ट को सैनी सभा की कार्यकारिणी को बहुमत (ट्रस्टियों के) से भंग करने का अधिकार होगा। कोई भी ट्रस्टी आम सैनी सभा सदस्य की तरह सैनी सभा की कार्यकारिणी का चुनाव लड़ सकता है परंतु सैनी सभा का सामान्य सदस्य सैनी ट्रस्ट की कार्यकारिणी बॉडी (प्रधान, महासचिव, कोषाध्यक्ष) का चुनाव नहीं लड़ सकता है। केवल ट्रस्टी को ही यह अधिकार होगा। सैनी सभा ट्रस्ट की सभी संपत्तियों पर मालिकाना हक सैनी सभा ट्रस्ट का होगा। सैनी सभा केवल कार्यकारी होगी। सभी प्रकार के लेन-देन व खर्च (खाता आदि) पर सैनी सभा ट्रस्ट का अधिकार होगा। सैनी सभा की कार्यकारिणी किसी भी कार्य के खर्च के लिए राशि की अपील सैनी सभा ट्रस्ट से करेगी। सैनी सभा का अपना अलग से कोई खाता बैंक वगैरह में नहीं होगा। सैनी सभा सैनी सभा ट्रस्ट के सानिध्य में कार्य करेगी। किसी भी कार्यकारिणी (सभा या ट्रस्ट) का समय 5 वर्ष के लिए चुना जाएगा।
सैनी सभा ट्रस्टी की समाज के गरीब लोगों की मदद की हर संभव मदद की नैतिक जिम्मेवारी होगी। कोई भी प्रस्ताव बहुमत से पास माना जाएगा व अविश्वास प्रस्ताव दो तिहाई का, से पास माना जाएगा। सैनी सभा ट्रस्ट समय-समय किसी भी समिति को बनाने का अधिकार ट्रस्ट को होगा। सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, शिक्षा, खेल, स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन व अन्य सामाजिक उत्थान के कार्यक्रम की सैनी सभा को करवाने की सिफारिश करती रहेगी। इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति हेतु सैनी सभा ट्रस्ट के सदस्यों का विस्तार किया जाता है। इस कार्यकारिणी में सैनी समाज के हर वर्ग के लगभग 151 बुद्धिजीवियों को शामिल किया जा रहा है। सैनी समाज की बैठक में सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे।
संलग्र : सैनी सभा के सदस्यों की सूची।
सैनी समाज के लोगों ने किया सैनी सभा का गठन, सर्व सम्मति से पवन दिव्यानंद भिक्षु को दिया विस्तार का अधिकार