यूनिक हरियाणा हिसार 28 मार्च : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी की प्रमुख दादी जानकी के ब्रह्मलीन होने पर दाताराम सत्संग भवन के प्रमुख एवं सैनी सभा ट्रस्ट के चयनित ट्रस्टी भवन दिव्यानंद भिक्षु एडवोकेट ने दादी जानकी के ब्रह्मलीन होने पर अपने श्रद्धा सुमन प्रकट करते हुए कहा कि 84 हजार योनियों में मनुष्य जन्म ही परमात्मा प्राप्ति व ब्रह्म में लीन होने के लिए मिला है। इसे ब्रह्माकुमारी संस्थान की प्रमुख दादी जानकी ने चरितार्थ किया और इस मानव जीवन का सही सदुपयोग ब्रह्म में लीन होकर किया। वे परमात्मा में विलीन हो इस सांसारिक जीवन से मुक्त हो गई है। दादी जानकी मां ने पूरा जीवन आध्यात्मिक रूप से जिया। परमात्मा का सुमिरन भजन किया और यह चरितार्थ करते हुए कि हरि भजे सो ही हरि का होई, दूजा ना कोई, परमात्मा के चरणों में स्थान पाया और इस जन्म को सार्थक बनाया। पवन दिव्यानंद भिक्षु एडवोकेट ने कहा कि परमात्मा ऐसी महान विभूतियों को अपने आप श्री में आत्मसात करें वह जन्म मृत्यु से मुक्त करें।
दादी जानकी के ब्रह्मलीन होने पर दी श्रद्धांजलि