नई दिल्ली: कोविड-19 से बचाव के लॉकडाउन में सरकार ने देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में परीक्षा और अकेडमिक कैलेंडर 2020 के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बुधवार देर शाम यूजीसी कमेटी की सिफारिशों पर तैयार गाइडलाइन को जारी किया। हालांकि संस्थानों को कोविड-19 की सेफ्टी गाइडलाइन और सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखना होगा।
यूजी और पीजी प्रोग्राम के डिग्री प्रोग्राम के आखिरी वर्ष के छात्रों की परीक्षा जुलाई में होगी। जबकि हालात ठीक न होने पर पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों को पूर्व सेमेस्टर के 50 फीसदी अंक और इंटरनल अस्समेंट के 50 फीसदी अंक के आधार पर ग्रेड मिलेंगे। जिन शहरों या जिलों में हालात ठीक हैं, वहां पर पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों की जुलाई में परीक्षा होगी। यूजीसी और सभी विश्वविद्यालयों में कोविड-19 सेल गठित होंगे। इसमें छात्रों की समस्याओं का निदान, परीक्षा समेत विभिन्न दिक्कतों का जल्द से जल्द समाधान होगा। यूजीसी गाइडलाइन के तहत संस्थान काम करेंगे, लेकिन वे अपने फैसले लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं। वे इन गाइडलाइन में बदलाव कर सकते हैं। विश्वविद्यालयों को अपने अकेडमिक कैलेंडर के आधार पर जल्दी से जल्दी ऑनलाइन, ऑफलाइन या पेपर-पेन आधारित परीक्षा करवानी होगी। विश्वविद्यालय पांच की बजाय छह दिन खुलेंगे। जिन छात्रों को ग्रेड देकर प्रमोट किया जाएगा, वे हालात ठीक होने केबाद जब संस्थान खुलेंगे तो दोबारा सेमेस्टर परीक्षा दे सकते हैं।
परीक्षा का समय तीन घंटे की बजाय दो घंटे का होगा। परीक्षा की सूचना कम से कम एक सप्ताह पहले देनी होगी। लॉकडाउन अवधि में सभी छात्रों व शोध छात्रों की हाजिरी उपस्थित मानी जाएगी। वर्तमान शैक्षणिक सत्र केलिए कैरी फारॅवर्ड (ऐसे विषय जिसमें छात्र फेल हों) योजना को मंजूरी मिले। ऐसे छात्र अगली कक्षा में प्रमोट किये जाएंगे। लैब आधारित प्रयोग की बजाय संस्थान सॉफटवेयर संचालित परियोजना पर काम करें। जिन विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली की बजाय वार्षिक परीक्षा वाला अकेडमिक कैलेंडर है, ऐसे छात्रों के लिए सौ फीसदी अंक मूल्यांकन, आतंरिक मूल्यांकन (इंटरनल अस्समेंट) के आधार पर होगा।
पीएचडी, एमफिल स्कॉलर्स को छह महीने का अतिरिक्त समय:
पीएचडी, एमफिल स्कॉलर्स को डिग्री पूरी करने और थीसिस जमा करने के लिए छह महीने का अतिरिक्त समय मिलेगा। यह अवधि सामान्य रूप से मिलेगी। थीसिस जमा करने और दाखिले के लिए वाइवा गूगल, स्काइप, माइक्रोसॉफ्ट तकनीक या फिर वीडियो कांफ्रेेसिंग के माध्यम से जमा होगी।
75 फीसदी पाठयक्रम कक्षा तो 25 ऑनलाइन क्लासेज में:
शिक्षकों को अब तकनीक से पढ़ाई को जोडऩा होगा। ऐसे में 75 फीसदी पाठ्यक्रम वे फेस टू फेस कक्षा में बिठाकर पूरा कर सकते हैं, लेकिन 25 फीसदी शनिवार या रविवार को घर बैठे ऑनलाइन क्लास में पूरा करना होगा। इसके लिए बाकायदा शिक्षकों को वीडियो कांफ्रेसिंग से जुडऩा सीखाया जाए।
एक से डेढ महीने लेट शुरू होगा अकेडमिक सत्र 2020-21 :
एक जनवरी 2020 से इवन सेमेस्टर शुरू हुआ और 16 मार्च को कक्षाएं बंद हो गई।
16 मार्च से 31 मई तक ऑनलाइन मोड से प्रोजेक्ट वर्क,इंटरनल अस्समेंट, ऑनलाइन क्लासेज(डिश, यूटयूब, ईमेल, व्हाटसऐप,वीडियो कांफ्रेसिंग आदि) से पाठ्यक्रम, इंटर्नशिप रिपोर्ट व प्लेसमेंट ड्राइव का काम पूरा होगा।
एक जून से 15 जून तक इंटर्नशिप रिपोर्ट, प्लेसमेंट ड्राइव, मूल्यांकन,इंटरनल असाइनमेंट आदि पूरा किया जाएगा।
एक जून से 30 जून तक गर्मियों की छुटिट्यां रहेगी।
आखिरी वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षा एक से 15 जुलाई तक चलेगी और रिजल्ट 31 जुलाई को आएगा। जबकि पहले और दूसरे वर्ष की परीक्षा 16 जुलाई से 31 जुलाई तक और रिजल्ट १४ अगस्त को जारी होगा।
सभी विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थान अकेडमिक सत्र 2020-21 के लिए एक अगस्त से लेकर 31 अगस्त तक दाखिला प्रक्रिया पूरी कर लेंगे। जबकि 30 सितंबर तक प्रवेश परीक्षा से विभिन्न डिग्री प्रोग्राम में दाखिले से संबंधित सभी दस्तावेजों की जांच कर सीट अलॉट हो जाएगी।
दूसरे और तीसरे वर्ष के छात्रों का नया सत्र एक अगस्त और पहले वर्ष या नए छात्रों का सत्र एक सितंबर से शुरू होगा।
दिसंबर या ओड सेमेस्टर की परीक्षा एक जनवरी से 25 जनवरी 2021 को आयोजित हों और इवन सेमेस्टर 27 जनवरी से शुरू होकर 25 मई तक चलेगा। सभी तरह की लेटेस्ट जोब्स अपडेट, शैक्षणिक खबरों के लिए "हरियाणा एजुकेशनल अपडेट" फेसबुक पेज ज्वाइन करें।
2020-21 अकेडमिक सत्र की वार्षिक परीक्षा 26 मई से लेकर २5 जून 2021 तक होगी। इसके बाद एक जुलाई से 30 जुलाई 2021 तक गर्मियों की छुटिटयों के चलते संस्थान बंद रहेंगे। जबकि दो अगस्त 2021 से अकेडमिक सत्र 2021-22 शुरू होगा।