हिसार, 4 मई।
उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण जिला के श्रमिकों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। जिला में सभी औद्योगिक इकाइयां, व्यापारिक प्रतिष्ठïान व कंपनियां जल्द शुरू होंगी जिससे श्रमिकों को फिर से रोजगार मिलेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी उद्योग श्रमिकों का वेतन न काटे और मकान मालिक उन्हें किराए आदि के लिए परेशान न करें और घर से न निकालें। इसके अलावा पिछले एक माह से इधर से उधर आवाजाही करते हुए शैल्टर होम्स में फंसे जो श्रमिक अपने गृह राज्य में जाने के इच्छुक हैं वे सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत अपना पंजीकरण करवाएं ताकि उनकी सूची तैयार की जा सके। ऐसे श्रमिकों को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित समुचित स्वास्थ्य जांच के उपरांत आने वाले दिनों में उनके गृह राज्य भेजने की व्यवस्था की जाएगी जहां पहुंचने के बाद उन्हें 14 दिन के लिए रिलीफ कैंप में क्वारेंटाइन में रखा जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि कोविड-19 के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों में फंसे हरियाणा के लोगों और हरियाणा में फंसे अन्य राज्यों के लोगों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा सरकार ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। हरियाणा आने और हरियाणा से बाहर जाने के इच्छुक लोगों को सरकार द्वारा ई-दिशा पोर्टल पर सृजित वेब पेज https://edisha.gov.in/
उन्होंने बताया कि जिला में फंसे प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजने के कार्य के लिए जिला परिषद के सीईओ मनोज कुमार को जिला का नोडल अधिकारी बनाया गया है। श्रमिक नोडल अधिकारी के महाबीर स्टेडियम स्थित कार्यालय में भी अपना पंजीकरण करवा सकते हैं लेकिन उन्हें सलाह दी जाती है कि वे ऑनलाइन या टेलीफोन के माध्यम से ही पंजीकरण करवाएं। पंजीकरण करवाने वाले श्रमिकों को उनके गृह राज्य में भेजने की योजना के संबंध में सरकार के आदेशानुसार पंजीकृत व्यक्तियों के मोबाइल पर कॉल करके अथवा एसएमएस के माध्यम से सूचित करके उन्हें बुलाया जाएगा। हरियाणा से बाहर भेजे जाने वाले सभी व्यक्तियों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी और उन्हें कुछ दिन राहत शिविरों में रखकर उनके स्वास्थ्य की निगरानी की जाएगी। श्रमिकों के उनके राज्य में पहुंचने के उपरांत वहां भी उनकी स्वास्थ्य जांच की जाएगी और नियमानुसार उन्हें 14 दिन के लिए रिलीफ कैंप में क्वारेंटाइन रखा जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेशानुसार ऑरेंज जोन हिसार में 4 से 10 मई तक आईटी, आईटीईएस में 50 प्रतिशत स्टाफ और सामान्य उद्योगों को 75 प्रतिशत स्टाफ के साथ चलाने की अनुमति होगी। ग्रामीण क्षेत्रों के तहत आने वाले उद्योगों के लिए आईटी, आईटीईएस में 50 प्रतिशत स्टाफ और सामान्य उद्योगों में 75 प्रतिशत स्टाफ की अनुमति होगी। 11 से 17 मई के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के तहत आने वाले उद्योगों के लिए आईटी, आईटीईएस में 75 प्रतिशत स्टाफ और सामान्य उद्योगों में शत-प्रतिशत स्टाफ की अनुमति होगी। ई-कामर्स उद्योग के तहत 4 से 10 मई के दौरान ओरेंज जोन में 50 प्रतिशत स्टाफ के साथ सभी वस्तुओं की आपूर्ति की अनुमति होगी। ई-कामर्स उद्योग के तहत 11 से 17 मई के दौरान 75 प्रतिशत स्टाफ के साथ सभी वस्तुओं की आपूर्ति की अनुमति होगी।
उपायुक्त ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण पैदा हुआ मुश्किल दौर समाप्त होने वाला है और जल्द ही सभी प्रकार की औद्योगिक व अन्य वाणिज्यिक गतिविधियां पहले की भांति शुरू हो जाएंगी। इसके साथ ही श्रमिकों के लिए रोजगार का संकट भी समाप्त हो जाएगा और उन्हें पूरी दिहाड़ी मिलेगी। कोई भी फैक्ट्री मालिक उनका वेतन नहीं काटेगा और मकान मालिक उन्हें घर से नहीं निकाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिन श्रमिकों का किसी घरेलू दिक्कत के कारण अपने गृह राज्य जाना अनिवार्य है वे ही जाने के लिए पंजीकरण करवाएं, अन्यथा वे यहीं रहकर अपना रोजगार करें। लॉकडाउन के दौरान सभी जिलावासी नियमों का पालन करें और बेवजह घरों से बाहर न निकलें। सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करके हम जल्द ही कोरोना को हराने में कामयाब होंगे।
श्रमिकों को नहीं होने दी जाएगी कोई दिक्कत : उपायुक्त