किसान सघन बागवानी से बढ़ा सकते हैं उत्पादन : कुलपति प्रोफेसर समर सिंह
‘उपोष्ण कटिबंधीय फलों में आधुनिक उत्पादन तकनीक’ विषय पर तीन दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार संपन्न
हिसार : 8 सितम्बर
किसान बागवानी में सूक्ष्म सिंचाई का प्रयोग करके 40 से 60 प्रतिशत तक पानी की बचत कर सकते हैं। साथ ही बागवानी में खरपतवारों पर भी नियंत्रण किया जा सकता है। ये विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार एवं महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने कहे। वे एमएचयू करनाल में आयोजित तीन दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार के दौरान बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। प्रशिक्षण का मुख्य विषय ‘उपोष्ण कटिबंधीय फलों में आधुनिक उत्पादन तकनीक’ था। वेबिनार का आयोजन राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय, करनाल के विस्तार शिक्षा निदेशालय द्वारा आयोजित किया गया था, जिसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं अनुसंधान निदेशक डॉ. अजय यादव व विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. विजय अरोड़ा ने संयुक्त रूप से की। प्रोफेसर समर सिंह ने कहा कि यह वेबिनार किसानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगा क्योंकि यहां से किसान अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर अपने व्यवसाय को बेहतरीन तरीके से आगे बढ़ा सकते हैं। किसान की आमदनी में बढ़ोतरी परम्परागत खेती की बजाए खेती में विविधिकरण व बागवानी के माध्यम से ही संभव हो सकती है। उन्होंने बताया कि हमारा देश पूरी दूनिया में फल उत्पादन में अग्रणी देशों मेें स्थान रखता है, लेकिन फलों व सब्जियों की तुड़ाई के उपरांत 30-40 प्रतिशत तक नुकसान सही रखरखाव न होने की वजह से होता है। फलों एवं सब्जियों के उचित भंडारण हेतु कोल्ड स्टोर एवं इनकी प्रोसेसिंग के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की संस्थाओं ने लिया हिस्सा
इस वेबिनार में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की संस्थाएं केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ (उत्तर प्रदेश), राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र मुज्जफरपुर(बिहार) एवं राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केन्द्र, शोलापुर (महाराष्ट्र) के वैज्ञानिकों के किसानों को उपोष्ण कटिबंधीय फलों की बागवानी संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियां दी। इसके अलावा पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के वैज्ञानिक डॉ. गुरदेग सिंह, बागवानी विभाग के उपनिदेशक डा. आत्म प्रकाश एवं क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र, करनाल के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पन्नू एवं प्रमुख वैज्ञानिक डा. विजय अरोड़ा द्वारा आम, लीची, अमरूद, नींबू वर्गीय फलों जैसे किन्नू व अनार की उत्पादन तकनीक, पूराने सेनाइल बागों के लिए कार्यकलाप तकनीक एवं तुड़ाई उपरांत फलों का रखरखाव, ड्रिप सिंचाई एवं एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन विषयों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। प्रगतिशील किसान नरेन्द्र सिंह चौहान गांव उचाना(करनाल) ने वेबिनार में शामिल प्रतिभागियों के साथ अपने बागवानी संबंधी विचार सांझा किए। उन्होंने बताया कि बादाम एवं सेब की कई किस्मों को अपने बाग में कुशलतापूर्वक लगाया हुआ है और वे अन्य किसानों को भी इस बारे में जागरूक करते रहते हैं। वेबिनार में विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी, कृषि वैज्ञानिक, देश व प्रदेश के प्रगतिशील किसान ऑनलाइन शामिल हुए। वेबिनार में उपोष्ण कटिबंधीय फलों जैसे आम, लीची, अमरूद, अनार, किन्नू आदि की अग्रिम खेती, उचित प्रबंधन, फलों का तुड़ाई के बाद संरक्षण एवं रख-रखाव संबंधी आधुनिक तकनीकों की महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। इस वेबिनार में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के बागवानी विभाग के कृषि वैज्ञानिक भी शामिल हुए।
सूक्ष्म सिंचाई से बागवानी में करें पानी की बचत : प्रोफेसर समर सिंह